पुलिस अब तक चोर, बदमाश, डाकू और गैगस्टर को पकड़वाने पर ही इनाम घोषित करती है, लेकिन इस बार पुलिस महकमे ने अपने एक युवा आइपीएस अधिकारी को पकड़वाने पर इनाम घोषित किया है. महोबा में क्रशर व्यापारी इन्द्रकांत त्रिपाठी हत्याकांड में फरार चल रहे आइपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार के साथ ही कॉन्स्टेबल अरुण यादव पर शासन ने शिकंजा कसा है. महोबा के एसपी रहे मणिलाल पाटीदार को भगोड़ा घोषित करने के बाद अब उन पर 25 हजार रूपये का इनाम रखा गया है.
महोबा के कबरई के व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में भगोड़ा घोषित महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार पर यह इनाम रखा गया है. इस मामले में उनके सहयोगी सिपाही अरुण यादव पर भी 25 हजार का इनाम है. इस मामले के आरोपितों में तत्कालीन एसओ देवेंद्र और दो अन्य को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
आईपीएस मणिलाल पाटीदार व्यापारी इंद्रकांत की मौत के मामले में 15 नवंबर से फरार हैं. पुलिस की कई टीमें और एसटीएफ उनकी खोज में लगी हुई हैैं लेकिन अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका. पाटीदार के खिलाफ भ्रष्टाचार की भी कई शिकायतें हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
रविवार को एसपी अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व एसपी मणिलाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी है. अब 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है. आरोपित सिपाही अरुण यादव पर भी इनाम रखा गया है. प्रदेश का यह पहला मामला है जिसमें किसी आइपीएस पर 25 हजार का इनाम रखा गया है.
जानिये क्या है पूरा मामला
दिवंगत क्रशर कारोबारी ने सात सितंबर को तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार व कबरई के तत्कालीन एसओ देवेंद्र शुक्ला पर जबरन वसूली का आरोप लगाया था. उन्होने अपनी जान को खतरा बताते हुए आडियो व वीडियो वायरल किए थे. मुख्यमंत्री को भी इसी संदर्भ के प्रार्थना पत्र भेजा था. आठ सितंबर को इंद्रकांत अपनी गाड़ी में गोली लगने से घायल मिले थे। 13 सितंबर को उनकी कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में मौत हो गई थी. भाई रविकांत त्रिपाठी ने पूर्व एसपी व एसओ सहित चार लोगों के खिलाफ कबरई थाने में मुकदमा कराया था.